“Children’s Day” यानी ”बाल दिवस” 14 November को पंडित जवाहरलाल नेहरू के जयंती पर मनाया जाता है।
बाल दिवस बच्चों के rights, care, और education के जागरूकता को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
पंडित नेहरू कहा करते थे कि “बच्चों का हमेशा प्रेम से और ध्यानपूर्वक पालन-पोषण करना चाहिए क्योंकि बच्चे देश के भविष्य होते हैं। वे कल के नागरिक हैं।”
पहले बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था। United Nations के द्वारा 20 November को Universal Children’s Day मनाया जाता है।
मगर जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद भारत में 14 November को Children’s Day मनाया जाता है।
वे बच्चों को बहुत प्यार करते थे। इस कारण से उन्हें चाचा नेहरू भी कहा जाता है। वे प्रायः अपनी जेब में एक गुलाब का फूल रखा करते थे।
आइये उनके जन्मदिन पर एक नज़र डालते हैं उनके जीवन पर-
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 November 1889 को Allahabad में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूपरानी थुस्सू था।
उनके पिता मोतीलाल नेहरू एक अच्छे संपन्न परिवार से थे। वो barrister थे। वे कश्मीरी पंडित समुदाय से थे।
उनकी माता लाहौर के एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थीं।
मोतीलाल नेहरू के तीन संतान थे जिनमें जवाहरलाल नेहरू सबसे बड़े थे। पंडित नेहरू की दो बहनें थीं।
बड़ी बहन का नाम विजयलक्ष्मी पंडित और छोटी बहन का नाम कृष्णा हठीसिंह था।
आगे चलकर विजयलक्ष्मी पंडित UN General Assembly की पहली महिला अध्यक्ष बनीं।
छोटी बहन कृष्णा हठीसिंह एक जानी मानी लेखक थीं।
पंडित नेहरू ने अपनी स्कूली शिक्षा Harrow School, London से और अपनी College की शिक्षा Trinity College, Cambridge से प्राप्त की थी।
उन्होंने graduation में Natural science में honors degree हासिल की थी।
बाद में उन्होंने law की degree University of Cambridge से प्राप्त की।
1912 में नेहरू भारत वापस लौटे। भारत लौटते ही उन्होंने अपनी law की practice शुरू कर दी। 1917 में नेहरू ने कमला नेहरू से शादी की।
गांधीजी के Civil Disobedience Movement से नेहरू बहुत प्रभावित हुए।
इस कारण से उनकी गांधीजी से नजदीकियां बढ़ने लगीं। और वे गांधीजी के उपदेशों को अपनाने लगे।
अब उन्होंने western dresses और महँगी property का त्याग कर दिया।
अब उन्होंने एक खादी कुर्ता और एक गाँधी टोपी पहनना शुरू कर दिया।
गांधीजी के साथ मिलकर उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
साथ ही सुभाषचंद्र बोस और अन्य राजनेताओं के साथ मिलकर भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा।
1947 में भारत अंग्रेजों के शासन से आजाद हुआ।
भारत के आजाद होने के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस में मतदान हुआ। इस मतदान में सबसे अधिक वोट सरदार वल्लभ भाई पटेल को मिले।
उनके बाद सबसे अधिक वोटों की प्राप्ति जीवटराम भगवानदास कृपलानी को हुई।
मगर गांधीजी के कहने पर दोनों ने अपना नाम प्रधानमंत्री पद से वापस ले लिया।
और फिर जवाहरलाल नेहरू को देश का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया।
पंडित नेहरू ने भारत के reorganization के लिए बहुत ही समझदारी से काम किया। उन्होंने Planning Commission का गठन किया।
साथ ही Science and Technology में देश के लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
उनकी नीतियों से भारत कृषि और उद्योग में भी आगे बढ़ने लगा।
हालाँकि कई लोग इस बात की आलोचना करते हैं कि गांधीजी ने नेहरू को अन्य नेताओं की तुलना में priority दी।
लोगों का मानना है कि नेहरू का योगदान स्वतंत्रता के संग्राम में comparatively कम था।
पंडित नेहरू एक अच्छे लेखक थे। उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में कई किताबें लिखीं हैं।
जेल में रहने के दौरान भी अपनी बेटी इंदिरा गाँधी को कई पत्र लिखे।
उनके किताबों के नाम इस प्रकार हैं-
3.Toward Freedom (autobiography)
जो 30 पत्र उन्होंने अपनी बेटी इंदिरा गांधी को लिखे थे उन्हें एक किताब “Letters From a Father to His Daughter” में प्रकाशित किया गया है।
पढ़ें: बचपन की यादें
1955 में नेहरू को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें ये सम्मान प्रदान किया।
हालाँकि कहा जाता है कि इस दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बिना किसी के सलाह के ये सम्मान प्रदान किया था जो एक सामान्य संवैधानिक प्रक्रिया नहीं थी।
पंडित नेहरू पाकिस्तान और चीन से सम्बन्ध सुधारना चाहते थे।
मगर पाकिस्तान के साथ सम्बन्ध सुधारने में कश्मीर मुद्दा सामने आ खड़ा होता था और चीन के साथ रिश्ते सुधाने में सीमा विवाद सामने आता था।
इसके परिणामस्वरूप रिश्ते सुधर नहीं पाए। चीन ने 1962 में धोखे से भारत पर आक्रमण कर दिया था।
इस सदमे से पंडित नेहरू की सेहत बिगड़ने लगी और अंततः 27 मई 1964 को उनका देहांत हो गया।
उनके देहांत के बाद ये निर्णय लिया गया कि उनके जन्मदिवस पर हर वर्ष “बाल दिवस” के रूप में मनाया जायेगा।
तब से लेकर आज तक हर वर्ष 14 November को Children’s Day मनाया जाता है।
देश की राजधानी दिल्ली में उनके समाधिस्ठल “शांतिवन” पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, और कई मंत्रियों और नेताओं द्वारा श्रद्धासुमन अर्पित किया जाता है।
साथ ही साथ राज्यों में भी उनके चित्र पर माल्यार्पण किया जाता है और बच्चों के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
इस दिन चाचा नेहरू को याद करने के लिए schools में, colleges में विभिन्न प्रकार के programs का आयोजन किया जाता है।
मुख्य रूप से नाटक, speech, fancy dress, essay writing competition, dance आदि कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
ज्यादातर schools में इस दिन बच्चों को बिठाकर उनके लिए teachers द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं।
कई NGOs इस दिन गरीब बच्चों और underprivileged बच्चों को उपहर भेंट करते हैं।
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