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Bachpan ki yaadein | आइये बचपन में चलें

आज अपने garden में टहल रहा था तो मेरी नज़र पास ही खेल रहे बच्चों पर पड़ी। वे बड़ी ही मासूमियत से खेल रहे थे। सहसा मेरी नज़रों के सामने मेरा bachpan नज़र आने लगा।

तो, उन्हें disturb किये बिना ही मैं पास बैठ गया और उनकी बातें सुनने लगा। उनके खेलों को देखने लगा।

बड़ा मज़ा आ रहा था उनकी बातों को सुनने में। दुनिया से बेखबर सब मस्त थे अपनी दुनिया में।  

एक-एक करके उन लम्हों की याद आने लगीं मुझे।

परिणामस्वरूप, होंठों पे एक मुस्कान आ गयी।

बचपन

Let’s revisit the bachpan / आइये बचपन में चलें

I’m sure सबका बचपन लगभग इसी तरह गुजरा होगा। So, इसी बचपन से related कुछ लिखने की कोशिश की है मैंने।
Let’s revisit the bachpan:

आज मन अनायास ही उन बचपन के दिनों में खो जाने को करता है ।

वो मासूम-सी शरारतें, जीवन की अमूल्य सीखें,

अपनी धुन में मग्न, बेखबर दुनिया से ।

 

अपनों के साथ बिताये हुए हर वो लम्हें,

किसी भी बात पे रोना और अगले ही पल खिलखिला उठना ।

किसी की हाथ पकड़कर चलने की कोशिश करना, वो मिट्टी में खेलना ।

 

आज तो ये बस एक ख्वाब की तरह ही लगता है ।

एक पल में जी चाहता है कि फिर से वो दिन वापस आ जाएँ ।

उन बीते हुए लम्हों की परछाईं जब भी आँखों से गुजरती है,

ये आँखें भर आती हैं ।

 

उम्र जरूर छोटी थी पर बहुत से सपने देखा करते थे ।

आज उन्ही सपनों को पूरा होते देख होठों में एक मुस्कान दौड़ उठती है,

जब नहीं तो फिर आँखों से वो निराशा झलक जाती है ।

 

याद आती हैं हर वो शैतानियाँ, भाई-बहनों के साथ झगड़ना,

साथ ही याद आतीं हैं हर वो बातें, जो बड़ों ने समझाई

और जो आज हमारे काम आई ।

 

जब भी यादों में वो बचपन नज़र आता है

तो जी चाहता है उन बिताये हुए लम्हों में फिर से खो जाएँ ।

ऐसा लगता है कि वो दुनिया फिर से लौट आई हो

 

पर जैसे ही “अब की दुनिया” का ख्याल आता है

तो बेशक ये आँखें भर-सी आती हैं।

मन हर उन लम्हों को संजोकर रखने को करता है ।

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लम्हों को संजोकर रखें(Bachpan)

Similarly कई और लम्हे होंगे आपकी life में। बचपन के कोई photographs को देखकर certainly आप भी इन लम्हों को याद करते होंगे।

उसी प्रकार, कोई अगर हमें ये बताता है कि “तुम बचपन में ऐसे थे / वैसे थे।”, “इस तरह की शरारतें किया करते थे”।

तो, निश्चित रूप से, मन करता है कि उन लम्हों को फिर से जिया जाये। इन लम्हों को संजोकर रखें 

Because you never know कब इन्हें फिर से जीने का जी चाहे।

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