Border-Gavaskar Trophy पर कब्ज़ा करने के साथ ही Team India ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर टेस्ट सीरीज हराने वाली पहली एशियाई टीम बन गयी है। आइये देखते हैं इस India v Australia सीरीज से क्या कुछ सीखा जा सकता है –
जीवन में self-belief या आत्मविश्वास का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
अगर हम अपने आप में विश्वास रखते हैं कि हम इस कार्य को करने में सक्षम हैं तो फिर उस कार्य को कर लेते हैं।
भारतीय टीम पहले South Africa और England के विरुद्ध टेस्ट सीरीज हार गयी।
जाहिर सी बात है इन श्रृंखलाओं को हारने के बाद टीम इंडिया का मनोबल गिरा होगा।
मगर टीम ने अपने आप में विश्वास रखा और बेहतर खेल जारी रखा।
As a result, Team India ने ऑस्ट्रेलिया को हर विभाग- fielding, bowling और batting में परास्त किया।
और Border-Gavaskar ट्रॉफी अपने नाम किया।
India v Australia के आखिरी post-match presentation में विराट कोहली के शब्द थे –
“The most important thing for us has been belief. We’ve believed in SA that we’re on the right track, we believed in England, and now we’ve got the results to back it. Most important thing is what you feel as a group, not what the voices outside say about you. If your intention is right, God gives you things you can’t imagine. Our intent has always been good, and that is to take Indian cricket forward.”
यानी
“हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज विश्वास रहा है। हमने SA में विश्वास किया है कि हम सही रास्ते पर हैं, हमें इंग्लैंड में विश्वास था, और अब हमें इसे वापस करने के कारण (विश्वास करने के कारण) परिणाम मिल गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप एक समूह के रूप में क्या महसूस करते हैं, न कि बाहर की आवाजें आपके बारे में क्या कहती हैं। यदि आपका इरादा सही है, तो भगवान आपको ऐसी चीजें देता है जिनकी आप कल्पना नहीं कर सकते। हमारा इरादा हमेशा अच्छा रहा है और भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाना है।”
Albert Einstein ने कहा है “A person who never made a mistake never tried anything new.”
यानी “वो शख्स जिसने कभी गलती नहीं की उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश ही नहीं की।”
दोस्तों, हर किसी ने कभी न कभी गलतियाँ की है।
मगर सबसे ज्यादा जरुरी है उन गलतियों से सीखना और उनको न दोहराना।
विराट ने चेतेश्वर पुजारा की तारीफ़ करते हुए कहा- “पुजारा को एक विशेष उल्लेख देना चाहता हूँ । खासकर उस तरह की श्रृंखला के बाद जब वह आखिरी बार यहां आए थे। वह एक व्यक्ति है जो हमेशा चीजों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहता है। इसे अपने स्ट्राइड में लेता है और अपने खेल पर काम करता है।”
चेतेश्वर पुजारा जब पिछली India v Australia सीरीज (2014) खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया गए थे, तब उनके बल्ले से ज्यादा रन नहीं बने थे।
लेकिन उन्होंने अपनी गलतियों को स्वीकार किया और उनसे सीखा।
उन गलतियों से सबक लेकर बेहतर खेल खेला।
और इस India v Australia सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने के साथ ही Man of the Series रहे।
हम सभी जानते हैं कि overseas conditions में जाकर रन बनाना और विकेट लेना बहुत ही कठिन है।
मगर Team India ने hard work को जारी रखा।
और इस India v Australia series में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया।
इसी hard work का नतीजा है कि टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर हराते हुए सीरीज जीता।
और ऐसा करने वाली पहली एशियाई टीम बन गयी है।
उम्मीद यही है कि सर्वोच्च वरीयता प्राप्त इस भारतीय टीम का प्रदर्शन इसी प्रकार जारी रहेगा।
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