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Honesty is the best policy – A short story in Hindi | ईमानदारी पर एक कहानी

Honesty is the best policy

हम में से हर एक ने “Honesty is the Best Policy” phrase सुना होगा। यह वास्तव में एक ज्ञानपूर्ण phrase है।

शायद, हर बच्चा अपने माता-पिता से यह सीख लेता है। यह सुंदर उपदेश आदिकाल से पढ़ाया जाता रहा है। हालाँकि, इसका अभ्यास निश्चित रूप से कम हुआ है।

आजकल लोग बहुत आसानी से बेईमानी, झूठ का सहारा लेते हैं। इसके अलावा, इन दिनों बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है। लोग बेईमान होकर दूसरों को धोखा देते हैं।

इसलिए, इस शिक्षण के पुनरुद्धार की तत्काल आवश्यकता है।

नैतिक चरित्र विकसित करने का एक प्रमुख गुण Honesty यानी ईमानदारी है।

ईमानदारी दया, अनुशासन, सच्चाई, नैतिक अखंडता जैसे अच्छे गुणों को विकसित करने में मदद करती है।

झूठ बोलना, धोखा देना, विश्वास की कमी, चोरी, लालच और अन्य अनैतिक विशेषताओं का ईमानदारी में कोई हिस्सा नहीं है।

ईमानदार लोग अपने जीवन भर ईमानदार, भरोसेमंद और वफादार होते हैं।

ईमानदारी मूल्यवान है और यह अत्यंत महत्व की आदत है।

एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व ने कहा, “ज्ञान की पुस्तक में ईमानदारी पहला अध्याय है”

यह किसी के जीवन में अभिन्न मूल्यों के निर्माण, आकार और प्रेरित करने की अपनी क्षमता के कारण अच्छा है।

पेश है ईमानदारी पर एक प्रेरणादायक कहानी-

A short story in Hindi on Honesty

एक बार की बात है एक गाँव में एक किसान रहता था। किसान एक दुकानदार को एक किलो मक्खन बेचा करता था।

किसान पर भरोसा कर दुकानदार मक्खन नहीं तौलता था।

एक दिन दुकानदार ने मक्खन का वजन करने का फैसला किया, यह देखने के लिए कि क्या उसे सही मात्रा मिल रही है।

उस दिन उसने मक्खन तौला तो देखा कि उसे सही मात्रा में मक्खन नहीं मिल रही है।

उसका खून खौल उठा।

इसलिए, उसने किसान को अदालत में ले जाने का फैसला किया।

 

अदालत में, न्यायाधीश ने किसान से पूछा कि वह मक्खन को वजन करने के लिए किसका उपयोग करता है।

किसान ने जवाब दिया, “जनाब, मैं गरीब परिवार से हूँ। मेरे पास मापने के लिए कोई सही तराज़ू नहीं है, लेकिन मेरे पास एक पैमाना है।”

न्यायाधीश ने जानना चाहा कि वो पैमाना क्या है।

 

किसान ने उत्तर दिया;

“जज साब, जब से दुकानदार ने मुझसे मक्खन खरीदना शुरू किया है, मैं उससे पहले उससे एक किलो चीनी खरीद रहा हूँ।

हर दिन जब दुकानदार से चीनी लाता हूँ, तो मैं उसे उतना ही वजन का मक्खन देता हूँ।

अगर किसी को दोषी ठहराया जाना है, तो वह दुकानदार है।”

यह सुनकर दुकानदार को बहुत शर्म आई। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने उसे स्वीकार कर लिया।

Moral of the Story

दोस्तों, जीवन में आपको वही मिलता है जो आप देते हैं। दूसरों को धोखा देने की कोशिश बिल्कुल नहीं करनी चाहिए।

आधुनिक समय में ईमानदारी एक आवश्यक आवश्यकता है।

यह सबसे अच्छी आदतों में से एक है जो किसी व्यक्ति को प्रोत्साहित करती है और उसके जीवन में किसी भी कठिन परिस्थिति को हल करने और संभालने के लिए पर्याप्त सक्षम बनाती है।

(This story is inspired from wealthygorrila.com)

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उम्मीद है ईमानदारी पर ये कहानी आपको पसंद आया होगा। अपने विचार comments के माध्यम से जरूर share करें।

Nikhil Kumar

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