Daily Life Experiences

Encouragement- A story in Hindi | मेंढकों का समूह- एक प्रेरणादायक कहानी

Encouragement

किसी ने सच ही कहा है- “A word of encouragement during a failure is worth more than an hour of praise after success.”

यानी “विफलता के दौरान प्रोत्साहन का एक शब्द सफलता के बाद प्रशंसा के एक घंटे से अधिक के लायक है।”

दोस्तों, ऐसा कई बार होता है कि किसी की छोटी-सी बात हमें खटकती रहती है।

जब दिन की शुरुआत में हमें कोई डाँट देता है तो वो चीज़ हमें दिन भर खटकती है।

उसी प्रकार जब कोई हमें दो- तीन शब्द प्रशंसा के कह देता है या फिर वो हमें प्रोत्साहित करने के लिए कुछ अच्छे शब्द कहता है तो हमारा दिन स्वाभाविक रूप से बेहतर गुजरता है।

प्रोत्साहन के दो शब्द किसी की ज़िन्दगी को बदल सकते हैं।

Motivational quotes पढ़ें

पेश है encouragement पर एक ऐसी ही कहानी –

मेंढकों का समूह | A story on Encouragement

एक समय की बात है मेंढकों का एक समूह खाने की तलाश में घूम रहा था।

जब समूह जंगल से गुजर रहा था, उनमें से दो मेंढक गहरे गड्ढे में गिर गए।

जब दूसरे मेंढकों ने गड्ढे के चारों ओर भीड़ लगाई और देखा कि यह कितना गहरा है, तो उन्होंने दोनों मेंढकों को बताया कि उनके लिए बाहर निकलने की अब कोई उम्मीद नहीं बची है।

हालांकि, दोनों मेंढकों ने उनकी बातों को अनदेखा करने का फैसला किया।

उन दोनों ने फैसला किया कि अन्य क्या कह रहे थे उन्हें अनसुना किया जाये और बहार निकलने की कोशिश की जाये।

और फिर उन्होंने गड्ढे से बाहर निकलने की कोशिश की।

काफी प्रयासों के बावजूद दोनों बाहर निकल पाने में असमर्थ थे।

दोनों के प्रयासों को देखकर भी बाकी मेंढक उन्हें प्रोत्साहित नहीं कर रहे थे।

उनके प्रयासों के बावजूद, गड्ढे के शीर्ष पर मेंढकों का समूह अभी भी कह रहा था कि उन्हें बस छोड़ देना चाहिए।

उनके अनुसार दोनों इस गड्ढे से कभी बाहर नहीं आ पाएंगे।

आखिरकार, उन दोनों मेंढकों में से एक ने इस बात पर ध्यान दिया कि दूसरे क्या कह रहे थे और उसने कूदना बंद कर दिया और मौत को गले लगाने का फैसला किया।

हालाँकि, दूसरे मेंढक ने उतनी ही शिद्दत से कूदना जारी रखा जितना वह पहले कूद रहा था।

फिर से, मेंढकों की भीड़ ने उसे बस करने को कहा और मौत को स्वीकार करने को कहा।

मगर उस मेंढक ने कूदना जारी रखा।

आख़िरकार, वह और ज़ोर से कूदा और गड्ढे से बाहर आ गया।

जब वह बाहर निकला, तो दूसरे मेंढकों ने उससे पूछा, “क्या तुमने हमें नहीं सुना?”

उस मेंढक ने उन्हें समझाया कि वह बहरा है।

उसे लगा कि वे सब उसे पूरे समय तक प्रोत्साहित कर रहे थे।

पढ़ें: जिम्मेदारी लेने पर कहानी

Moral of the story

दोस्तों, हमें जीवन में कई बार ऐसे लोगों का सामना करना पड़ता है जो हमेशा प्रोत्साहित करने के बजाये हतोत्साहित करते हैं।

हमें उनकी बातों को अनसुना करना चाहिए और बस अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

लोगों के शब्दों का दूसरों के जीवन पर बड़ा प्रभाव हो सकता है।

ज़रूरी है कि पहले हम जो कहते हैं, उसके बारे में सोचें। कभी- कभी यह जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर हो सकता है।

पढ़ें: जीवन के संघर्ष पर कहानी

Nikhil Kumar

Recent Posts

Ben Stokes Quotes in Hindi | बेन स्टोक्स के बेहतरीन कथन

Ben Stokes Quotes in Hindi Ben Stokes का जन्म 4 जून 1991 को न्यूजीलैंड के…

2 years ago

Shane Warne Quotes in Hindi | स्पिन के जादूगर शेन वॉर्न के बेहतरीन कथन

Shane Warne Quotes in Hindi Shane Warne का जन्म 13 सितंबर 1969 को हुआ था।…

2 years ago

Harnaaz Sandhu Biography in Hindi | मिस यूनिवर्स हरनाज़ संधू का जीवन परिचय

Harnaaz Sandhu Biography in Hindi भारत की Harnaaz Sandhu / हरनाज़ संधू ने Miss Universe…

2 years ago

General Bipin Rawat Biography in Hindi | जनरल बिपिन रावत की जीवनी

General Bipin Rawat Biography in Hindi General Bipin Rawat एक भारतीय सैन्य अधिकारी थे जो…

2 years ago

Suresh Raina Quotes in Hindi | सुरेश रैना के प्रसिद्ध कथन

Suresh Raina Quotes in Hindi Suresh Raina एक पूर्व भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। उनका जन्म…

2 years ago

Neeraj Chopra Biography in Hindi | नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय

Neeraj Chopra Biography in Hindi 7 अगस्त 2021 को टोक्यो के ओलंपिक खेलों में भारत…

3 years ago