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Krishna Janmashtami in Hindi | श्रीकृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है?

Krishna Janmashtami in Hindi

Happy Krishna Janmashtami to you all ! श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं !

Krishna Janmashtami, Janmashtami या Gokulashtami, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है।

इसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष के आठवें दिन (अष्टमी) को मनाया जाता है।

यह अक्सर अगस्त या सितंबर में पड़ता है।

यह विशेष रूप से हिंदू धर्म की वैष्णववाद परंपरा का एक महत्वपूर्ण त्योहार है।

श्रीकृष्ण का जन्म हिंदू परंपरा के अनुसार भाद्रपद माह के आठवें दिन आधी रात को मथुरा में हुआ।

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अराजकता के युग में हुआ।

यह एक समय था जब स्वतंत्रता नहीं थी, लोगों को पीड़ाएँ दी जाती थी, हर जगह बुराई थी।

श्रीकृष्ण का जन्म उस समय में हुआ जब उन्हें अपने मामा कंस से खतरा था।

जन्म के तुरंत बाद, उनके पिता वासुदेव कृष्ण को यमुना पार ले गए और गोकुल में नंद और यशोदा के यहाँ छोड़ गए।

ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि कृष्ण को उनके मामा कंस से बचा सकें।

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Krishna Janmashtami Celebration

यह त्योहार विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में मनाया जाता है।

साथ ही मणिपुर, असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भी धूमधाम से मनाया जाता है।

जन्माष्टमी में लोग लोग व्रत रखकर जन्माष्टमी मनाते हैं, श्रीकृष्ण के प्रेम के भक्ति गीत गाते हैं।

कृष्ण की मध्यरात्रि के जन्म के बाद, बालक कृष्ण की मूर्तियों को धोया जाता है और कपड़े पहनाए जाते हैं, फिर एक पालने में रखा जाता है।

श्रद्धालु भोजन और मिठाई बांटकर अपना उपवास तोड़ते हैं।

महिलाएं अपने घर के दरवाजे और रसोई के बाहर छोटे-छोटे पैरों के निशान बनाती हैं।

यह उनके घरों में बालकृष्ण की यात्रा का प्रतीक होता है।

जन्माष्टमी व्रत, गायन, एक साथ प्रार्थना करके, विशेष भोजन तैयार करके और कृष्ण या विष्णु मंदिरों में जाकर मनाई जाती है।

प्रमुख कृष्ण मंदिरों में भागवत पुराण और भगवद गीता का पाठ आयोजित किया जाता है।

कई समुदाय रास लीला या कृष्ण लीला नामक नृत्य-नाट्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

रासा लीला की परंपरा मथुरा क्षेत्र में, मणिपुर और असम जैसे भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों और राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से लोकप्रिय है।

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Dahi Handi in Krishna Janmashtami

दही हांडी का उत्सव मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कुछ पश्चिमी राज्यों में कृष्ण जन्माष्टमी के बाद मनाया जाता है।

दही हांडी का उत्सव एक लोकप्रिय बालकृष्ण की कथा से मिलता है।

इस कथा के अनुसार बालक कृष्ण दही और मक्खन की तलाश और चोरी करते थे।

लोग बालकृष्ण की पहुँच से बाहर रखने के लिए इन चीज़ों को ऊँची जगहों पर छुपा दिया करते थे।

लेकिन बालक कृष्ण अपनी खोज में हर तरह के रचनात्मक विचारों की कोशिश करते थे।

वे अपने दोस्तों के साथ मिलकर इन जगहों पर चढ़ जाते थे और फिर इन बर्तनों को तोड़कर दही और मक्खन खा जाया करते थे।

दही हांडी के उत्सव में दही के बर्तनों को ऊंचे स्थान पर लटका दिया जाता है।

और फिर परंपरा के अनुसार, “गोविंदा” कहे जाने वाले युवाओं और लड़कों की टीमें इन लटके हुए बर्तनों को तोड़ने में लग जाती हैं।

वे एक दूसरे के ऊपर चढ़कर दही हांडी को तोड़ते हैं।

इस दही को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।

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Celebration in other parts of India

गुजरात के द्वारका में – जहाँ माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपना राज्य स्थापित किया था – इस त्योहार को दही हांडी की ही तरह माखन हांडी (ताजे मथे हुए मक्खन के साथ) की परंपरा के साथ मनाते हैं।

लोग मंदिरों में लोक नृत्य करते हैं, भजन गाते हैं, भगवान कृष्ण के मंदिरों द्वारकाधीश मंदिर या नाथद्वारा में दर्शन करने जाते हैं ।

कच्छ जिला क्षेत्र में, किसान अपनी बैलगाड़ियों को सजाते हैं और समूह गायन और नृत्य के साथ कृष्ण जुलूस निकालते हैं।

जन्माष्टमी उत्तर भारत के ब्रज क्षेत्र में सबसे बड़ा त्योहार है, मथुरा और वृंदावन जैसे शहरों में।

ऐसा माना जाता है कि मथुरा में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और वृंदावन में वे बड़े हुए थे।

भगवान कृष्ण के मंदिरों को सजाया जाता है जो काफी आकर्षक लगते हैं।

कृष्ण भक्त भक्ति कार्यक्रम आयोजित करते हैं और रात्रि जागरण करते हैं।

उत्तरी राज्यों में, जन्माष्टमी रास लीला परंपरा के साथ मनाई जाती है।

रास लीला में भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित रचनाएँ गाई जाती हैं, संगीत का प्रदर्शन साथ में होता है।

श्रीकृष्ण के बचपन की शरारतें, और राधा-कृष्ण के प्रेम प्रसंग रास लीला में विशेष रूप से दिखाए जाते हैं।

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Celebration Outside India

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भारत के अलावा कई और देशों जैसे नेपाल, फिजी और पाकिस्तान में भी मनाया जाता है।

दुनिया भर के ISKON मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाता है।

जन्माष्टमी त्योहार कैरिबियाई देशों गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, जमैका में हिंदुओं द्वारा व्यापक रूप से मनाया जाता है।

यह त्योहार मलेशिया, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, फ्रांस, कनाडा आदि देशों में भी मनाया जाता है।

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