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Control Your Anger in Hindi | क्रोध पर कहानी

What is Anger / क्रोध क्या है ?

Anger यानि क्रोध/गुस्सा एक भावना है। हमारे emotions का यह एक intense expression है।

गुस्सा/क्रोध करने पर हमारा blood pressure बढ़ जाता है और हमरा दिल तेजी से धड़कने लगता है।

हमारा adrenaline और nor-adrenaline level बढ़ जाता है।

दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि हमें गुस्सा क्यों आता है ?

हमने कुछ personal boundaries सेट की होती हैं कि कैसे हम किसी से react या respond करेंगे जब वो हमारी इन personal boundaries की limit को cross करेगा/करेगी।

क्रोध करना हमारे emotions का एक हिस्सा है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि क्रोध करने के भी फायदे हैं

मगर किसी भी चीज़ की अति गलत बात है। अत्यधिक क्रोध करना भी गलत बात है।

Hindi Story On Anger

angry man

एक समय की बात है। किसी गाँव में शांतनु नाम का एक लड़का रहता था।

मगर अपने नाम के बिलकुल विपरीत स्वभाव था उसका। बात-बात पर उसको क्रोध करने की आदत थी।

जिससे उसके दोस्त और परिवारवाले काफी परेशान रहा करते थे।

उसके पिता ने एक दिन उसे सबक सिखाने की ठान ली।

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उन्होंने शांतनु को कुछ कील दिए और कहा, “तुम्हें गुस्सा आए तो तुम एक कील अपने बाड़े पर हथौड़े से ठोक देना।”

शांतनु ने उन कीलों को अपने पास रख लिया और निर्णय लिया कि अब जब भी उसे गुस्सा आएगा तो वह एक कील अपने बाड़े में ठोक देगा।

इस प्रकार पहले ही दिन शांतनु ने 37 कीलें ठोक डाले।

मगर धीरे-धीरे उसने अपने गुस्से पर काबू करना शुरू कर दिया।

बाड़े पर ठोकने वाली कीलें कम होने लगीं थीं।

उसने यह महसूस किया कि उसके लिए गुस्से पर काबू करना अपने बाड़े पर कील ठोकने से आसान था।

आखिर एक दिन ऐसा आया, जब उसने कोई भी कील अपने बाड़े पर नहीं ठोके।

उसने गुस्से पर काबू करना सीख लिया था।

उसने अपने पिता को जाकर ये बात बताई।

पिता की सलाह

उसके पिता ने उसे अब एक सलाह और दी कि, “जब भी तुम अपने गुस्से पर काबू कर लोगे तो, एक कील वापस अपने बाड़े से निकाल लेना।

आखिर वो दिन भी आ गया जब शांतनु सारे कील बाड़े से निकाल चूका था।

उसने अपने पिता को जब ये बात बताई तो उसके पिता शांतनु का हाथ पकड़कर उसे उस जगह ले गए और कहा,

“तुमने बहुत अच्छा काम किया है बेटा, मगर इन छेदों को देखो। अब यह बाड़ा पहले की तरह नहीं रहा। और न ही कभी पहले की तरह हो सकता है। जब हम गुस्से में कुछ कह जाते हैं, वो इसी तरह गहरे चोट पहुंचा जाते हैं। तुम किसी आदमी में चाकू डाल सकते हो और उसे बाहर निकल सकते हो। मगर तुम कितनी ही बार उससे माफ़ी मांग लो, वो निशान/चोट हमेशा के लिए रहेगा।”

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Conclusion 

anger

Friends, हमारी life में भी ऐसे कई किस्से, incidents होते हैं जब हम अपना आपा खो बैठते हैं और गुस्से में बहुत सारी चीज़ें कह जातें हैं।

और सामने वाले को काफी hurt कर देते हैं।

फिर चाहे कितनी बार भी sorry कहें, वो बात/चीज़ हमेशा उसके जेहन में होती है।

इसीलिए, हमें अपने गुस्से पर काबू करना सीखना चाहिए।

Some things in life, we are unable to take back. 

NOTE: This story is not my original creation. It is inspired from wealthygorrila.com

8 thoughts on “Control Your Anger in Hindi | क्रोध पर कहानी

  1. Sir kai baar aisa hota hai ki kisi ek vyakti ko dekhte hi gussaa aa jata hai. Kabhi kuchh past memories ke karan ya kabhi kuchh aur baat hoti hai. To aise time me kya karen?

    1. Kehte hain naa ki “jo beet gayi so baat gayi”. Har kisi ki life me kuch achche aur kuch bure experiences hote hain. Ye sirf kuch yaaden hain jo filhal aapko control kar rahi hain. In cheezon ko let go kijiye aur life me aage badhte rahiye.

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